बहुजन समाज पार्टी रविवार ने राजधानी लखनऊ में अपने संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर रैली का आयोजन किया है, जिसमें पूरे प्रदेश से बसपा कार्यकर्ता शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। इस बीच इलाहाबाद के नैनी में रहने वाले सरवर हुसैन जो बसपा सुप्रीमो के एक समय करीबी हुआ करते थे, ने बसपा सुप्रीमो की शुरूआती दिनों की दास्तान बताई जो शायद ही किसी को मालूम हो।
1991 में मायावती गयी थीं जेल:
- सरवर हुसैन ने बताया कि, दिसम्बर 1991 को मायावती जेल में बंद हो चुकी हैं।
- बसपा सुप्रीमो और बुलंदशहर के डीएम के बीच मतपत्र देखने को लेकर छीना-झपटी और हाथापाई हो गयी थी।
- मामले के तहत मायवती को नैनी जेल लाया गया।
जब दरोगा ने हत्या के इरादे से तान दी थी रिवाल्वर:
- डीएम से हाथापाई के मामले में मायावती को नैनी जेल में बंद किया गया।
- जिसके बाद लखनऊ हाई कोर्ट में दिसम्बर 1991 को मायावती की पेशी हुई।
- सरवर ने आगे बताया कि, पेशी से लौटते समय वे लोग लखनऊ-इलाहाबाद पैसेंजर से इलाहाबाद लौट रहे थे।
- जिस दौरान प्रयाग स्टेशन पर सुबह 4.30 बजे खड़ी हो गयी।
- साथ में मौजूद स्कॉट के दरोगा ने बसपा सुप्रीमो से नीचे उतरकर पैदल चलने के लिए बोला।
- इसके बाद पैदल रेलवे लाइन क्रॉस करते समय दरोगा ने मायावती की हत्या के इरादे से उनपर रिवाल्वर निकल ली।
- मौके पर मायावती ने सरवर से कहा कि, सामने मस्जिद में नमाज के लिए लोग इकठ्ठा हैं, आवाज़ लगा दो वरना ये हमें मार डालेगा।
वो वक़्त जब सेना ने बचायी थी मायावती की जान:
- प्रयाग स्टेशन पर ट्रेन रुकने के बाद पैदल रेलवे क्रासिंग पार करते समय मायावती की हत्या के इरादे से दरोगा ने रिवाल्वर निकाली थी।
- वहीँ ट्रेन के जिस कोच में मायावती सफ़र कर रही थीं, उसी में आर्मी वाले भी सफ़र कर रहे थे।
- दरोगा द्वारा रिवाल्वर निकालने के बाद आर्मी वालों ने दरोगा को ख़बरदार करते हुए गोली न चलाने को कहा।
- बसपा सुप्रीमो ने इसका जिक्र सरवर हुसैन को लिखे ख़त में भी किया है।
- आर्मी की चेतावनी से दरोगा दर गया और मायावती को रिक्शे पर बैठाकर पुलिस लाइन गया।
- बसपा सुप्रीमो ने दरोगा के खिलाफ लिखित शिकायत भी दी थी।
खबर सोर्स: दैनिकभास्कर
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