एक तरफ पुलिस एनकाउंटर कर प्रदेश को अपराधियों के मन में दहशत फैला दिया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है। जिसमें घायल महिला को अस्पताल ले जाने के बजाय थाने ले जाकर बैठा दिया और सुबह होने तक इंतजार करने को कहते हैं। दरअसल मामला फर्रुखाबाद जिले के थाना मऊ दरबाजा क्षेत्र का है, जहां बीती रात रंजिश में एक महिला को गोली मार दी गई। जिससे महिला घायल हो गई। सूचना पर देर रात पहुंची पुलिस ने महिला को थाने ले गई।

जानकारी के मुताबिक फर्रुखाबाद जिले के थाना मऊ दरबाजा क्षेत्र में एक महिला छप्पर के बाहर सो रही थी। इसी बीच कुछ दबंग लोगों ने महिला को पुरानी रंजीश के चलते गोली मार दी। जिससे महिला गम्भीर रूप से घायल हो गयी। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने रात के करीब ढ़ाई बजे महिला के साथ परिजनों को थाने ले गई। जहां थाने में पेड़ के नीचे बनी पाटिया पर लेटा दिया और सुबह होने तक इंतजार करने के लिए कहा।

घायल महिला को रातभर रखा थाने में

पुलिस की इस अमानवीयता से पुलिस के साख पर बट्टा लगता है। मलिा को पुलिस वालों ने पूरी रात थाने में रखा। कहा कि सुबह होने पर हास्पीटल में भर्ती कराया जाएगा लेकिन सुबह हो जाने के बाद भी महिला को हास्पीटल तक नहीं पहुंचाया। दर्द से तड़पती महिला की थाने में ना ही रिपोर्ट लिखी गयी ना ही पुलिस वालों ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराना उचित समझा। परिजन बस मूक दर्शक बन कर देखती रह गई क्योंकि पुलिस के आगे कुछ भी कहने की गरीबों की हिम्मत नहीं हुई। आखिर कैसे पुलिस एक अमानवीय तरीके से एक घायल के साथ ऐसा कर सकती है। यह घटना पुलिस के चरित्र को धूमिल करने वाला है।

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