मातहतों को संवेदना का पाठ पढाने वाले एसएसपी डॉ. कलानिधि नैथानी के नाक के नीचे काम करने वाले पुलिसकर्मी ही पीड़ितों से बुरा बर्ताव करने लगे तो लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठना तय है। ऐसा ही एक मामला एसएसपी आवास पर उस वक्त देखने को मिला जब एक पीड़ित महिला ने कप्तान की चौखट पर न्याय ना मिलने के कारण आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ अभद्रता की। आरोप है कि एसएसपी प्रवक्ता संजय खरवार और कांस्टेबल अंजू ने घंटो बैठाने के बाद भी उसे एसएसपी से मिलने नहीं दिया। जिससे क्षुब्ध होकर महिला ने कैम्प परिसर में साथ बोतल में लाया मिट्टी का तेल खुद पर उड़ेल लिया। वो आग लगाने की कोशिश करती कि इससे पहले मौजूद पुलिसकर्मियों की उस पर नजर पड़ गयी और उन्होंने उसे पकड़ लिया।

घटना से हड़कम्प मच गया। जानकारी मिलते ही सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा और प्रभारी निरीक्षक राधा रमण सिंह वहां पहुंचे और महिला को समझा-बुझाकर शांत कराया। फिर कार्यवाही का आश्वासन देकर चलता कर दिया। इस मामले में जब बड़े कप्तान के सीयूजी नम्बर पर फोन किया गया तो पीआरओ ने जानकारी से मना कर दिया। इस घटना में दिलचस्प बात ये रही कि लखनऊ के प्रवक्ता ने घटना को दबा दिया। इतना ही नहीं पीड़ितों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों से आग्रह करके इस खबर को ठंडे बस्ते में डलवा दिया गया। इसकी भनक एसएसपी तक नहीं पहुँच सकी। आरोप है कि कैम्प कार्यालय में मौके पर मौजूद

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एसएसपी के यहां भी नहीं मिला पीड़िता को न्याय[/penci_blockquote]
जानकारी के अनुसार, बाजारखाला के टिकैतगंज बुलाकी अडडे के पास रहने वाली पीड़िता अनीता पाण्डेय की मानें तो पति पति मुकेश पाण्डेय, ससुर कैलाश पाण्डेय, देवर अनुज, ननद राखी, शीतल, प्रेमलता , ननदोई सुनील मिश्रा व अतुल बाजपेई ने दहेज में दो लाख की मांग पूरी न होने पर आये दिन मारते-पीटते व प्रताड़ित करते थे। पीड़िता ने कोतवाली में नामजद तहरीर देते धारा 498, 323, 504, 506 व 3/4 दहेज प्रताड़ना अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा न करने के बजाय उलटा उसके भाई अनुज दीक्षित, बहन अंशिका व शचि के विरूद्ध धारा 323, 504 व 506 आईपीसी के तहत क्रास मुकदमा दर्ज कर दिया। जिसके भनक लगने पर वो न्याय की आस में शनिवार दोपहर करीब एक बजे एसएसपी से मिलने उनके कैम्प कार्यालय पहुंची और न्याय ना मिलने पर आत्मदाह करके जान देने की कोशिश की।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वीडियो वायरल होने पर नप चुके थानेदार,लेकिन दारोगा पर कार्रवाई नहीं[/penci_blockquote]
गौरतलब है कि बीती शुक्रवार को बेटे की मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बुजुर्ग महिला को थानेदार के पैर तक पकड़े। एसएसपी ने फोटो और वायरल वीडियो के आधार पर इंस्पेक्टर को लाईन हाजिर कर दिया। ऐसे मामले तकरीबन थाने पर आने वाले पीड़ितों के साथ रोज होते है लेकिन उनके वीडियो वायरल नहीं होते। जिससे उनपर कार्यवाही भी नहीं होती। ऐसे लोग आस लेकर एसएसपी की चौखट पर पहुंचते हैं। लेकिन वहां भी उन्हे धक्के खाने पड़े तो उनके पास आत्महत्या ही आखिरी रास्ता बचता है। लेकिन हजरतगंज में जिस दरोगा कृष्ण कुमार सिंह पर महिला सिपाहियों ने प्रताड़ना का आरोप लगाया उस पर कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है। हाँ इस मामले में इतना जरूर हुआ कि महिला सिपाही को ड्यूटी से हटाकर दूसरी जगह लगा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, एसएसपी के प्रवक्ता संजय खरवार थाना पर तैनाती की बाट जोह रहे हैं। इसके चलते उन्होंने इस घटना की जानकारी एसएसपी को भी नहीं दी।

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