महिला सुरक्षा के लिए पूर्व सपा सरकार में स्थापित की गई ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ अब बड़े बदलाव की ओर है। आने वाले कुछ समय में वीमेन पॉवर लाइन का कायाकल्प होने जा रहा है। इसके बाद इसे फिर नए सिरे से रिलांच किया जायेगा इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।

‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ में बदलाव को लेकर तेजी के साथ काम किया जा रहा है। यहां का कामकाज करने का भी तरीका धीरे-धीरे बदलने लगा है। बदलाव के अनुसार, अभी तक जो ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ का फेसबुक पेज चल रहा था वो अब नया तरीके का होगा। अब ये पेज पुलिसकर्मियों के हाथ में होगा, बताया जा रहा है पहले ये पेज निजी हाथों में था। इसी प्रकार जो कैंटीन पहले निजी हाथों में थी, वह अब पुलिस के कर्मचारियों के हाथों में होगी। वर्तमान समय में कुछ दिक्कतें आ रही हैं उन्हें भी दूर किया जा रहा है।

बाहरी फीडबैक के अनुसार, अगर पहले कोई शिकायतकर्ता ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाता था तो उसे एक शिकायत नंबर मिलता था। इस शिकायत नंबर से वह अपनी शिकायत के बारे में कॉल करके जानकारी ले सकता था। लेकिन वर्तमान समय में कोई शिकायतकर्ता ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ पर अगर एक ही नंबर से 4 बार कॉल करे तो उसे हर बार अलग शिकायत नंबर मिलता है। इस बारे में जिम्मेदारों का कहना है कि अभी कुछ बदलाव में काम चल रहा है लेकिन इसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जायेगा।

महिला सशक्तीकरण मतलब वूमेन पावर लाइन 1090

महिला सशक्तीकरण की दिशा में वूमेन पाॅवर लाइन ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है। प्रदेश मेें महिला उत्पीड़न की घटनाओं को सख्ती से रोकने के निमित्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वूमेन पाॅवर लाइन 1090 की स्थापना दिनांक 15 नवंबर 2012 को की गई। तब से यह सेवा निरन्तर कार्य कर रही है। वूमेन पावर लाइन 1090 सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वर्ष 2014 में “Women Security App 1090” सेवा भी प्रारम्भ की गयी है, जिसके अत्यन्त सकारात्मक परिणाम सामने आये है और इस सेवा से महिलाओ व लडकियों में सुरक्षा की भावना बलवती हुई है।

एक राज्य, एक हेल्पलाइन नंबर 1090 की ताकत, पहचान पूरी तरह गोपनीय

एक राज्य, एक नंबर 1090 कोई भी पीड़ित महिला या उसकी महिला रिश्तेदार अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है। शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। पीड़िता को किसी भी हालत में पुलिस थाने या किसी आफिस में नहीं बुलाया जाएगा। हेल्पलाइन में हर हाल में महिला पुलिस अधिकारी ही पीड़िता की शिकायत दर्ज करेगी। महिला पुलिस कर्मी अपने वरिष्ठ पुरूष पुलिस कर्मियों को पीड़ित की केवल उतनी ही जानकारी या सूचना उपलब्ध करवाएगी, जो विवेचना में सहायक हो सके। कॉल सेंटर दर्ज शिकायत पर तब तक काम करता रहेगा जब तक उस पर पूरी कार्रवाई नहीं हो जाती।

हजारों पॉवर एंजिल 1090 से जुड़ीं

यूपी के विभिन्न जिलों से 12 हजार से ज्यादा लड़कियां “वूमेन पावर लाइन 1090” से जुडी हैं। इन लड़कियों को “पॉवर एंजिल” नाम दिया गया है। पॉवर एंजिल बनने के लिए कक्षा 10 से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की छात्राओं को ही चुना गया है। लड़कियों को 1090up.in पर जाकर ‘पावर एंजिल’ लिंक के जरिये छात्रा को अपना जिला और स्कूल/ कॉलेज सिलेक्ट कर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। कॉलेज प्रिंसिपल की सहमति के बाद लड़कियों को पावर एंजिल बनाया जाता है।

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