उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार अपराध की घटनाय बढ़ती जा रही हैं और पुलिस पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय पीड़ित को ही परेशान करने मे जुटी रहती है। ताजा मामला लखनऊ के थाना काकोरी का सामने आया है यहां विगत 6 नवम्बर को मजदूरी करने वाले परिवार की आठ वर्षीय मासूम के साथ गांव के ही पड़ोसी युवक ने अपनी एक महिला सहयोगी की मद्दत से घर में अकेली पाकर उसके साथ रेप किया। लड़की के शोर मचने पर आरोपी और उसकी महिला मित्र ने माशूम के ऊपर घर में रखा मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी। मासूम खुद को बचाने के लिए चिल्लाई तो आरोपी मौके से भाग गए। इस मामले में घरवालों ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन 92 दिन जिंदगी मौत के बीच जूझने के बाद पीड़िता ने दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित की तरफ से तहरीर ले आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। आरोप है कि अभी तक पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आरोपी और पुलिस पीड़ित परिवार पर सुलह का दबाव बना कर केस को रफा दफा करने में जुटी रही। साथ ही आरोपी लगातार पीड़ित परिवार को जान से मरने की घमकी दे रहा है। लड़की द्वारा जिंदा रहने के दौरान दिए गए बयान के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कार्रवाई ना होने से नाराज एक निजी संस्था और पीड़ित मां ने हजरतगंज की गांधी प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार से न्याय की गुहार लगाई। प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास जाने का भी प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने सड़क जाम कर नारेबाजी भी की। समाज सेवी चेतना पांडेय ने अपने साथ में आई भारी संख्या में महिलाओं के साथ पुलिस और प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे लगाए।

महिलाओं ने काकोरी थाना प्रभारी को तत्काल हटाने की मांग की। सड़क पर प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस ने बहुत समझने का प्रयास किया। लेकिन महिलाओं के अड़े रहने पर पुलिस और महिलाओं के बीच हल्की झड़प भी हुई। अंत मे पुलिस ने अस्वाशन देकर उन्हें गांधी प्रतिमा वापस भेज दिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वह दोबारा उग्र प्रदर्शन करेंगे।

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