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पुलिस चौकी के पास महिला कर रही नशे का कारोबार

राजधानी लखनऊ में बिहार के मुंगेर निर्मित असलहों की बड़े पैमाने पर आपूर्ति होती है। लेकिन अब यहां बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ की सप्लाई भी धड़ल्ले से की जा रही है। सवाल उठता है कि स्मैक, चरस व गांजा कहां खपाए जा रहे हैं। इस बात का खुलासा बीते दिनों सरोजनीनगर पुलिस व अलीगंज पुलिस ने तस्करों को गिरफ्तार कर किया था। लेकिन शहर के कई इलाकों में अभी भी नशे का कारोबार धलड़ल्ले से पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है। इस काम को करने में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं।

पुलिस के संरक्षण में महिला बेच रही नशा

ताजा मामला राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र का है। यहां पुलिस की नाक के नीचे तेलीबाग पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर श्मसान घाट औऱ रायबरेली रोड स्थित एल्डिको उद्यान दो में महिला द्वारा धड़ल्ले से मदकपदार्थ विक्री का व्यापार से किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये कारोबार पुलिस के संरक्षण में फलफूल रहा है। लोगों का आरोप है कि अगर पुलिस से शिकायत करें तो जेल भेजने की उल्टा धमकी मिलती है। इसके चलते कोई मुंह नहीं खोलता। वहीं महिला तस्कर का कहना है कि वह पुलिस को हर हप्ते मोटी रकम देती है। इसलिए पुलिस की जानकारी में ही वह नशे की पुड़िया बेच रही है।

शहर के कई इलाकों में फैला नशे का कारोबार

राजधानी के बाजारखाला, आलमबाग, चारबाग, नाका, हुसैनगन, पॉलिटेक्निक, चिनहट, जानकीपुरम, मड़ियांव, हसनगंज सहित कई इलाके में पुलिस की सह पर खुलेआम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली महिलाएं स्मैक और गांजा चरस बेंच रहीं हैं। लेकिन कमीशन के चक्कर में पुलिस इनपर कार्रवाई नहीं करती। यह कहना है यहां के दर्जनों लोगों का, इनका आरोप है कि पुलिस को इस अवैध कारोबार करने के बदले मोटी रकम हर सप्ताह पहुंचाई जाती है। लोगों का कहना है कि पुलिस अपनी नाक बचाने के लिए एक दो लोगों की गिरफ़्तारी कभी-कभी दिखाकर सुर्खियां बटोर लेती है। परंतु यह कारोबार आप को हर दूसरी झोपड़ी में चलता मिल जायेगा।

युवाओं के जीवन में जहर घोल रहा है नशा

बाजारखाला इलाके के पास ऐशबाग पुल के मवइया इलाके की मछली मण्डी के आस-पास खुलेआम गांजा, चरस और स्मैक की बिक्री की जाती है। यहां के स्थानीय निवासियों का आरोप है कि क्षेत्र में पुलिस के संरक्षण में अवैध कारोबार फैला हुआ है। युवा ही नहीं बुजुर्ग भी नशे में दिन भर टल्ली रहते हैं। इस क्षेत्र में पान की गुमटियों पर स्मैक और गांजा बेचा जा रहा है। आरोप यह भी है कि क्षेत्र में सेक्स रैकेट भी पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। पुलिस शिकायत करने वाले को ही धमकाती है।

नशे का यह काला कारोबार शहर में अलग-अलग इलाकों में जैसे अलीगंज, इंद्रानगर, गोमतीनगर, आलमबाग, मवईया पुल, चारबाग स्टेशन सहित दर्जनों स्थानों पर चल रहा है। इसी तरह जानकीपुरम, गाजीपुर सब्जी मण्डी एवं निशातगंज पुल के आसपास के स्थानों पर इस समय गांजे का तस्करी जोरों पर चल रहा है। नवयुवकों के जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रहे इस गांजे एवं चरस के व्यापारियों पर अंकुश लगा पाने में पुलिस अस्मर्थ साबित हो रहे है। नशे की लत के कारण युवा अपराध की घटनाओं को अंजाम भी दे रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार आंखे बंद करके बैठे हैं।

सरगना तक नहीं पहुंच रहे पुलिस के हाथ

राज्य की एसटीएफ व सरोजनीनगर पुलिस की संयुक्त टीम के अलावा चिनहट पुलिस व अलीगंज पुलिस ने पिछले दिनों तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से चरस, गांजा व स्मैक बरामद किया था। अवैध असलहों के अलावा इनके पास मादक पदार्थों की हुई बरामदगी की सूचना पर पुलिस के जि मेदार अफसर दंग रह गए। यह तस्कर साथ में मादक पदार्थ लेकर सीमा पार हो जा रहे और पुलिस रोकने में नाकाम होकर रह जाती है। हाल में तस्करों की हुई गिरफ्तारी ही नहीं इससे पहले भी कई तस्करों के गिरोह को पकड़ा लेकिन सरगना तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके। यही नहीं सरगना तो दूर पुलिस उन खरीददारों तक भी नहीं पहुंच सकी जहां तस्कर मादक पदार्थ खपा रहे हैं।

कुछ तो पेशेवर तो कुछ नई उम्र के युवक अपना रहे तस्करी का रास्ता

दरअसल कुछ तो पेशेवर तो कुछ नई उम्र के युवक अपनी महंगी शौक तथा कुछ अपनी महिला मित्र की ख्वाहिश पूरी करने के लिए इस अवैध कारोबार को अपना रहे हैं। बीते 10 व 15 अक्टूबर को एसटीएफ व सरोजनीनगर पुलिस ने सीरियल किलर भाइयों के दस सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से अवैध असलहा ही स्मैक व चरस बरामद किया था। इसके अलावा 28 अक्टूबर को चिनहट पुलिस ने तीन तस्करों को पकड़ कर उनके पास से पांच किलों अवैध गांजा बरामद किया। 26 अक्टूबर को मड़ियांव पुलिस ने एक महिला समेत तीन तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से स्मैक बरामद किया। खास बात यह रही कि जितने भी अभी तक तस्कर पकड़े गए वह बूढ़े नहीं बल्कि नई उम्र के ही चेहरे सामने आए तो इससे यही साबित हुआ कि अवैध मादक पदार्थों के कारोबार का रैकेट स्कूल में पढऩे वाले युवा ही इस काम को अंजाम देकर जरायम की दुनियां में कूद रहे हैं।

बाराबंकी है मादक पदार्थ का गढ़

जानकार सूत्र बताते हैं कि लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी मादक पदार्थ का कारोबार करने वालों का गढ़ माना जाता है, जहां से पुरूष ही नहीं महिलाएं भी किसी न किसी रूप में जहर की सप्लाई करने के लिए तस्करों की मदद करने में पीछे नहीं हैं। बीते दिनों मड़ियांव पुलिस के हत्थे चढ़ी कमर जहां नाम की महिला तस्कर गिरोह की मददगार बनी और पुलिस सीमा पर चेकिंग न करे इससे बचने के लिए वह साथ में चला करती है। जानकार सूत्र यह भी बताते हैं कि अवैध स्मैक व गांजा की सबसे अधिक खपत स्कूली बच्चों में हो रही है और बड़े घरों के बिगड़ैल लाडले ही इसके सबसे बड़े खरीद्दार हैं। खास बात यह भी है कि पुलिस कभी कभार मादक पदार्थ की सप्लाई करने वाले दो-चार गिरोहों को पकड़ा लेकिन सरगना व खरीददारों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती। नतीजतन यह सरगना नई फसलें तैयार कर फिर इस काम को अंजाम देना शुरू कर देते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि मादक पदार्थ की सप्लाई करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है और आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में स्मैक व गांजा तथा चरस बेचने वाले बच नहीं सकते। उन्हें रोकने में जो भी मातहत लापरवाही बरता तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जायेगा।

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