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ऑनलाइन उत्पीड़न से बचने के लिए आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट की कार्यशाला

Akancha Against Harassment (AAH) (1)

ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना करने के बारे में लखनऊ में कार्यशाला का आयोजन किया गया। “आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट” साईबर उत्पीड़न के विरुद्ध भारत का सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव अभियान है। इसे 11 महीने पहले शुरू किया गया था। तब से उसने 12 शहरों को कवर किया है। संगठन ने अब तक 22 कार्यशालाएं आज आयोजित की हैं। जमीनी कार्यशालाओं में 12000 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया जा चुका है।

संगठन ने अपने डिजिटल मीडिया अभियान के माध्यम से 90,00,000 से अधिक लोगों से संवाद किया है। समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों का समर्थन भी संगठन को मिल रहा है। जैसे कि पूनम महाजन (बीजेपी सांसद एवं बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष), पैपन (गायक), डीजीपी उत्तर प्रदेश एवं और भी लोगों का संगठन को सहयोग मिल रहा है।

आकांक्षा के स्टेटमेंट के तीन सुस्पष्ट उद्देश्य

-साइबर सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना।
-भारतीय पुलिस और आम जनता के बीच की सूचना की दूरी को समाप्त करना।
-साइबर दुर्व्यवहार के पीड़ितों की बात को सामने लाना

“आकांक्षा अगेंस्ट हरासमेंट” साइबर दुर्व्यवहार की स्थिति में सहायता के लिए एकमात्र प्राइवेट चैट हेल्पलाइन को दिसंबर में शुरू किया गया था, जो लोग साइबर उत्पीड़न के मामले में प्रथम स्तरीय मध्यवर्तन के बारे में मार्गदर्शन चाहते हैं। यह हेल्पलाइन उन्हें जानकारी और सहायता प्रदान करती है।

“आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट” के लिए प्राधिकरणों का अद्वितीय समर्थन

देश के बहुत से राज्यों की पुलिस ने इस पहल का समर्थन किया है। जिसके कारण यह इतनी अधिक विश्वसनीयता वाली एकमात्र निजी पहल है। उदाहरण के लिए साइबर उत्पीड़न के किसी मामले में उत्तर प्रदेश से आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट चैट पर भेजा गया एसओएस संदेश सीधे 1090 को तुरंत फास्टट्रैक माध्यम से भेजा जाएगा, और वहां से इसकी जमीनी स्तर पर जांच पड़ताल की जाएगी।

इस प्रकार आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट द्वारा किए जाने वाले पोडकास्ट में मध्य प्रदेश पुलिस नियमित रुप से शामिल रहती है। इस प्रकार के गठबंधन ऐसे लोगों में आत्मविश्वास जगाते हैं जो प्रायः पुलिस के पास जाने से ही सकते हैं। यह भारतीय पुलिस की सकारात्मक ब्रांड छवि निर्मित करती है। आकांक्षा गेस्ट हरासमेंट को उत्तर प्रदेश पुलिस से आमंत्रण महिलाओं का पीछा करने की समस्या से निपटने के लिए रिमाइंड पॉवर लाइन 1090 WPL उत्तर प्रदेश बहुत अच्छी कार्यवाही कर रही है।

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एक साथ मिलकर यह कार्यशाला आयोजित करने के लिए उनके द्वारा आमंत्रित किया जाना आकांक्षा अगेंस्ट हरासमेंट के लिए एक सम्मान की बात है। आकांक्षा के स्टेटमेंट को राज्य के विभिन्न शहरों में से साइबर सुरक्षा कार्यशालाएं आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आमंत्रित किया गया था। यह पत्र तत्कालीन डीजीपी सुलखान सिंह, आईजी नवनीत सिकेरा उत्तर प्रदेश के साथ लोक सेवा संदेश ने भी दिया था।

साइबर उत्पीड़न की समस्या कितनी बड़ी है भारत में अभी अनुमानित रूप से 250.8 मिलियन नेटवर्क उपयोग करता है। सोशल ऐप के उपयोगकर्ताओं की औसत आयु 11 वर्ष के नीचे जा रही है। रिपोर्ट में पाया गया है कि 82 प्रतिशत यौन अपराध ऑनलाइन नाबालिगों/अवयस्कों के विरुद्ध होते हैं। ऑनलाइन रहने वाले 56% बच्चों से उनकी फोटो मांगी जाती है। 45 प्रतिशत से अधिक किशोर वयस्क जिनके साथ गंभीर साइबर दुर्व्यवहार किया जाता है।

इसके परिणाम स्वरुप कभी ना कभी आत्महत्या के बारे में सोचते हैं। 70% महिला उपयोगकर्ताओं का भी कभी न कभी उत्पीड़न किया जाता है। साइबर अपराधों के कारण वास्तविक दुनिया के गंभीर अपराध होते हैं। जैसे कि पीछा करना ब्लैकमेल करना हमला करना, अपहरण, चोरी अभी इस बारे में जानकारी का बहुत अभाव है। आम जनता में जागरूकता नहीं है। साइबर जगत को उत्पीड़न मुक्त बनाने के लिए आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट वीरता के साथ संघर्ष कर रही है।

चलिए अब हम आपको बता देते हैं आकांक्षा

मिस आकांक्षा श्रीवास्तव “आकांक्षा अगेंस्ट हैरेसमेंट” की संस्थापिका है। वह एक जानी-मानी समाजिक प्रभाव नेतृत्वकर्ता और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। वह बहुत से वैश्विक प्रतिष्ठित संगठनों की परामर्शदात्री भी हैं। जैसे कि एमआईटी मीडिया लैब टीआईई, एवं सीडकैंप। वह एक अनुभवी उद्यमी हैं और Azure नाम की ब्रांड स्ट्रेटेजी फर्म की संस्थापिका हैं। वह बड़े व्यवसायों के लिए भारत में प्रवेश की रणनीति बनाने वाली एक जानी-मानी विशेषज्ञ हैं। उनके क्लाइंटो में रेड हैट, बारक्लेज वेल्थ, एसेल पार्टनर्स, लॉरियल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शामिल है। आकांक्षा को लगभग 2 साल पहले साइबर स्टॉकिंग के बारे में एक गंभीर मामले का सामना करना पड़ा, इसके बाद उन्होंने इसकी शुरुआत की। अब वह अधिक से अधिक लोगों को किसी भी ऑनलाइन उत्पीड़न से बचाने के लिए कटिबद्ध है।

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