मां का पीला व गाढ़ा दूध नवजात के लिए अमृत के समान है बल्कि शिशु मृत्यु दर को कम कर देता है।इसलिए ही डॉक्टर्स शिशु को छह महीने तक केवल माँ का ही दूध पिलाने की सलाह देते हैं।बावजूद इसके बहुत सी महिलाएं ऐसा नहीं करती है। यदि आकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि हर साल एक अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाये जाने और लोगों को जागरूक करने के बाद भी उत्तर प्रदेश में 4 बच्चों में से 1 बच्चे को समय पर स्तनपान मिलता है।

ये भी पढ़ें :महिला अस्पतालों में कब दूर होगी एनेस्थिसिस्ट की कमी?

कार्यक्रमों में सुधार की है जरुरत

  • आपको बता दें कि मंगलवार 1 अगस्त से 7 अगस्त तक हर वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
  • विश्व स्तनपान सप्ताह के मद्देनजर एक बैठक का आयोजन सोमवार को किया गया।
  • जिसमें.प्रमुख सचिव ,चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशांत द्विवेदी मौजूद थे।
  •  प्रमुख सचिव परिवार कल्याण.आलोक कुमार और  NHM के मैनेजिंग डायरेक्टर भी मीटिंग में पहुंचे थे।
  • अफसरों ने स्तनपान के प्रति जागरुकता कार्यक्रमों में सुधार लाने पर आवश्यकता जताई।
  • साथ ही स्तनपान सप्ताह के तहत विभिन्न गतिविधियां आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित करने के बारे में बताया।
  • लोगों को जानकारी होने के बाद भी वो बच्चे को बोतल का दूध देते हैं।
  • जन्म से 6 माह तक की अवधि में शिशुओं को स्तनपान के अलावा अन्य कोई आहार प्रदान न करें।
  • जन्म के एक घण्टे के भीतर माँ का दूध बच्चे को जरूर पिलाये।स्तनपान से बच्चे को फायदा होता है।

ये भी पढ़ें :नई डिजिटल तकनीक से सीधे होंगे टेढ़े-मेढ़े दांत!

  • आकड़ोंं को देखे तो पता चलता है की उत्तर प्रदेश में नवजात को स्तनपान कम मिलता है।
  • वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में 10 महिलाओं में से 7 का ही संस्थागत प्रसव होता है।
  • 7 में से 2 ही महिलाएं  1 घण्टे के अंदर नवजात को  स्तनपान करती हैं।
  • देश में  स्तनपान का राष्ट्रीय औसत 41.6 % है। UP में स्तनपान का औसत आंकड़ा 25.2% है।
  • यदि स्तनपान का प्रतिशत 14 % बढ़ जाये तो शिशुओं की मौत में कमी ला सकते हैं।
  • वही कुछ महिलाओं में यह भी सोच घर कर गयी है की स्तनपान करने से उनका फिगर ख़राब हो जायेगा।
  • लेकिन ये मात्रा एक भृम है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

ये भी पढ़ें :आज रिटायर होंगे 5 आईएएस अधिकारी!

ये भी पढ़ें :शिक्षा मित्रों का अनोखा प्रदर्शन!

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें