बरसाना में खेली गई विश्व प्रसिद्ध लठामार होली

मथुरा-

ब्रज में चल रहे होली महोत्सव में मंगलवार को बरसाने में विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेली गई. जहाँ सोमवार को हुई लड्डू होली के बाद बरसाने से राधा रानी मंदिर के बुलाबे प़र नंदगाँव के हुरियारे बरसाना आते है और पिली पोखर प़र आकर बरसाने कि हुरियारिनों से लठामार होली खेलने की तैयारी करते हैं. बरसाने के गोस्वामी समाज द्वारा उनका स्वागत सत्कार किया जाता है और भांग पिलाकर सभी को होली खेलने के लिए रंगीली गली में चलने का अनुरोध करते है. पिली पोखर प़र तैयार होकर नंदगाँव के हुरियारे पहले बरसाने राधा रानी मंदिर जाते हैं और बरसाने के लोगों के साथ मिलकर रसिया गायन करते है. मंदिर में हुरियारों प़र टेसू से बना रंग डाला जाता है और फिर सभी रंगीली गली में आते है जहाँ महिलाएं लहंगा चुन्नी पहनकर और हाथों में लाठी लेकर आती है वहीं पुरुष अपने सिर प़र पगड़ी, बदन पर बगल बंधी पहन कर और हाथों में पड़ने वाली लाठियों से बचने के लिए ढाल लेकर आते है जिसके बाद रंगीली गली में हुरियारिनों से लठामार होली खेलते हैं. बरसाने की हुरियारिन नंदगाँव के हुरियारों पर प्रेमपगी लाठियां बरसाती हैं हुरयारे लाठियों से बचते नजर आते हैं. आज के दिन पूरा बरसाना हर तरफ रंग और गुलाल से सराबोर दिखाई देता है और देश विदेश से लाखों भक्त इस होली में जमकर नाचते गाते है और होली का आनंद लेते है. श्रदालुओं के मन में इस अलोकिक होली का एक अलग ही नजारा बन जाता है क्यूँकि यहाँ प़र जो महिला होती है वो राधा की सखी के रुप में होती है और जो पुरुष होते है वो आज के दिन कृष्ण के सखा बनकर रहते है और कृष्ण के सखा यहाँ की महिलाओं से पहले हंसी मजाक करते है जिसके बाद वो उन पर लाठियों कि बरसाती हैं. आज के दिन हुरियारों प़र पड़ने वाली लाठियों की चोट प्रेम की चोट होती है.

Report:- Jay

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