यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बाबा भीमराव अंबेडकर यूनवर्सिटी के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां हिंदी और अन्य भाषाओं पर हो रहे सेमिनार के समापन में पहुंचे थे। इस दौरान सीएम योगी ने अपने विचारों को रखा।

दुनिया में चार फिसदी लोग अंग्रेजी बोलते है : सीएम योगी

सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि भारत महज एक जमीन का टुकड़ा नहीं है। भारत का इतिहास बहुत पुराना हैं। हमारा भाव इस जमीन का टुकड़ा नहीं मानता। वही सीएम ने कहा कि भाषा इस संवाद का माध्यम है। कुछ इतिहासकारों ने ये कहा कि भारत एक राष्ट नहीं रहा, 1920 के बाद ऐसा सुनने को मिला विभाजन तक, साथ ही कहा कि भारत हमेशा से ही प्राचीन समय से एक राष्ट्र रहा है। हमारे ज्योतिलिंग और पीठ राष्ट्रीय एकता के प्रतीक है।

कुछ जाति, भाषा के आधार पर भारत को तोड़ने का प्यास किया है

सीएम ने कहा कि दुनिया भर में केवल चार फिसदी लोग अंग्रेजी बोलने वाले हैं।

ज्यादातर देश अपनी भाषा को प्रथामिकता देते हैं। भाषाएं अलग- अलग है लेकिन भाव एक ही है।

भाषाओं के जानकारों ने भाषाओं को जोडने का काम नहीं किया।

देश को तोड़ने के लिए भाषाओं को आधार बनाया गया।

कुछ ताकतो ने भाषा, जाति के आधार पर भारत को तोड़ने का प्रयास किया है।

यहां ये भी बता दें कि  सीएम योगी आदित्यनाथ आज इलाहाबाद का दौरा करेंगे।

यहां सीएम योगी विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ओर से आयोजित होने वाले संत सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

इसके साथ ही माघ मेले में स्वच्छता से संबंधित पहलुओं का निरीक्षण करेंगे।

सीएम योगी का यह दौरा कई मायनों में है खास

इस दौरान सीएम योगी मंदिर, गंगा और गोरक्षा पर तय होगी रणनीति।

विश्व हिंदू परिषद की ओर से आज का दौरा माघ मेले में आयोजित संत सम्मेलन इस बार कई मायने में यह दौरा खास होगा।

सम्मेलन में राम मंदिर मुख्य चर्चा का विषय हो सकता है।

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इसके अलावा गंगा औऱ गोरक्षा के मामले में भी संत सम्मेलन पर चर्चा हो सकती है।

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय मंत्री चंपत राय की मानें तो इस सम्मेलन में संत जो मुद्दे उठाएंगे।

उसी पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन को लेकर विहिप अपना कोई एजेंडा नहीं लेकर आ रहा है।

आठ फरवरी को होना है मंदिर मुद्दे पर सुनवाई

अगामी महिने 8 फरवरी से सर्वोच्च न्यायालय में मंदिर मुद्दे पर सुनवाई भी प्रस्तावित है।

ऐसे में इस सुनवाई से ठीक पहले हो रहे संत सम्मेलन में मंदिर निर्माण का मुद्दा निश्चित ही कुछ खास होगा।

लंबे समय से तमाम संत मांग करते आ रहे हैं कि मंदिर निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो।

यहां तक यह भी दावा किया गया कि इस वर्ष के अंत से मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।

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