उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सोमवार 20 मार्च को अपना कार्यभार संभाला था और शपथ समारोह के बाद से ही एक के बाद एक उन्होंने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए थे. वहीँ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में योगी सरकार के आज 9 महीने पूरे हो गए हैं. बता दें कि इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (योगी गवर्मेंट 10 बड़े फैसले) ने प्रदेश के हित के लिए कई बड़े और अहम फैसले लिए है. जिनमें से कुछ 10 फैसले अपने आप में ही काफी महत्वपूर्ण हैं.

9 महीने में लिए ये बड़े फैसले (योगी गवर्मेंट 10 बड़े फैसले):

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने नौ महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है और आज हम आपको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 10 बड़े फैसलों के बारे बताने वाले हैं.

1- एंटी रोमियो स्क्वाएड:

योगी सरकार (योगी गवर्मेंट 10 बड़े फैसले) ने प्रदेश में छेड़छाड़ को लेकर मनचलों के बढ़ते हौसले को काबू करने के लिए  एंटी रोमियो स्क्वाएड का गठन किया था. बता दें कि स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं पर कमेंट, छेड़खानी करने वालों के खिलाफ बड़े ही जोर-शोर से अभियान चलाया गया था.

सरकार ने इसके जरिये राज्य में महिलाओं और छात्राओं पर हिंसा और छेड़छाड़ पर रोक लगाने की कोशिश की. वहीँ योगी सरकार के इस फैलसे को लेकर भी पुलिस-प्रशासन में भी काफी असमंजस की की स्थिति पैदा हो गई  थी. जिससे कई जगह पर प्रेमी जोड़ों को पुलिसकर्मियों की वजह से परेशान  भी होना पड़ा था.

वहीँ इस परेशानी को देखते हुए शासन की ओर से साफ किया गया कि अपनी इच्छा से अगर प्रेमी युगल कहीं घूम रहे हैं, तो उन्हें परेशान न किया जाए, लेकिन आज जिस रफ्तार से ये एंटी रोमियो स्क्वाएड आगे बढ़ा था, आज उतना ही पीछे हो गया है.

2- अवैध बूचड़खानों पर लगाम:

आपको बता दें कि सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (योगी सरकार के बड़े फैसले) ने अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाकर प्रदेश भर सनसनी फैला दी थी. जिसके बाद गोरक्षा को लेकर योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर तत्काल प्रभाव से ताले लटका दिए थे.

सराकर ने 24 घंटों के अंदर प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानों को बंद करने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद सरकार के इस फैसले को विपक्ष ने पूरी तरह से विवाद्स्त बनाने की कोशिश भी की.

वहीँ मीट की कमी से हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर नोटिस भेज कर जवाब भी मांगा था, लेकिन इस फैसले पर सरकार का तर्क था कि पर्यावरण को बचाने और प्रदुषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से NGT और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के द्वारा ऐसा फैसला लिया गया है, जो जनता के हित के लिए है.

3- अयोध्या में दीपावली:

आपको बता दें कि अपने 9 महीने का कार्यकाल पूरा करने वाली योगी सरकार का तीसरा बड़ा फैसला अयोध्या में दीपावली बनाने का रहा. कट्टर हिन्दूवादी छवि वाले आदित्यनाथ योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही सभी धर्मिक स्थलों के कायाकल्प पर जोर देना शुरू कर दिया.

दीपावली के दिन सालों से विवादों में गायब होने वाली भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या सतरंगी लाइटो से जगमगा उठी थी. सरयू किनारे उमड़ी जनता के बीच योगी आदित्यनाथ ने खुशियों का दिया जलाया था और ये एक विश्व रिकॉर्ड बन गया.

4- अपराधियों पर शिकंजा:

योगी सरकार का कहना था कि सत्ता की संरक्षण में पल रहे गुंडे, माफिया लूटेरे ये सब मेहरबानी करके उत्तर प्रदेश छोड़ कर चले जाएँ, नहीं तो अपने लिए जेल के रस्ते चुन लें. कई बार चेतावनी देने के बाद आखिरकार योगी ने वही किया जो उन्होंने पहले अपराधियों से कहा था.

प्रदेश में बढ़ते अपराध को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने पुलिस से अपराधियों को काबू करने का फरमान सुना दिया और पुलिस अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया और इसका असर जमीनी तौर पर भी दिखा.

यूपी पुलिस ने नौ महीने में कम से कम 9 सौ से ज्यादा एनकाउंटर किये हैं. जिसमे 11 सौ से ज्यादा ईनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें की पुलिस के इस एक्शन से बदमाशों में खौफ साफ़ देखा गया और बढ़ते अपराध में कमी आई.

5- युवाओं को रोजगार:

युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में उद्द्योगो की स्थापना के लिए काम तेजी से शुरू हो गया है. प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन नीति, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप नीति के संबंध में कई नीतियाँ लागू की गई हैं.

वहीँ 21 और 22 फरवरी 2018 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट 2018 का आयोजन भी किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में निवेश के लिए मुकेश अंबानी, रतन टाटा और चन्द्र्शेखरन महिंद्रा जैसे बड़े व्यापारियों को आमंत्रित किया है.

6- कर्जमाफी का फैसला:

योगी सरकार ने सबसे बड़ा फैसला किसान की कर्जमाफी का किया है. जिसके तहत एक लाख तक कर्ज वाले 86 लाख किसानों को राहत मिली है. आपको बता दें योगी के इस फैसले को एक बड़ा फैसला भी माना गया.

7- सबको बिजली:

सरकार ने बिजली सम्बन्धी समस्याओं के समाधान को देखते हुए ऑनलाइन बिल का भुगतान करने के लिए इ-निवारण एक्ट जारी किया. साथ ही 24 घंटे चलने वाला प्रदेशव्यापी टोल फ्री नंबर 1912 भी जनता को उपलब्ध करा दिया है.

इसके आलावा सरकार ने वीपीएल परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्सन देने की घोषणा भी की है.

8- परिवहन:

योगी सरकार आते ही राज्य के जिस सरकारी विभाग में बदलाव दिखा उसमे से परिवहन बिभाग अहम रहा है. परिवहन में व्याप्त भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार ने कई सालों से जिलों में जमे परिवहन अधिकारीयों का ना सिर्फ तबादला किया, बल्कि रोडबेस बसों की हालत सुधार कर जनता की यात्रा को सुगम बनाने की कोशिश की. यही सरकार ने पहले दो महीने में परिवहन विभाग से सबसे ज्यादा राजस्व भी कमाया. वहीँ अभी हाल में ही नॉएडा में मेट्रो को हरी झंडी दिखाने के साथ साथ यूपी की राजधानी लखनऊ में मेट्रो के काम को तेज करने का भी काम योगी सरकार ने किया है.

9- मदरसे को लेकर बड़ा फैसला:

योगी सरकार का नौवां फैसला राष्ट्र में संचालित हो रहे मदरसों से जुड़ा है. तमाम विवादों को दरकिनार करते हुए योगी सरकार ने इस बार प्रदेश के 43 मदरसों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मानक ना पूरा करने वाले 43 मदरसों के 298 शिक्षकों समेत कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था.

इसके साथ ही 15 अगस्त को सभी मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य करने का भी फैसला योगी सरकार ने लिया. उत्तर प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और इन्हें फंड कहाँ से मिल रहा है. राज्य मशीनरी को अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. लिहाजा योगी सरकार ने मदरसों रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. मदरसे में NCERT पैटर्न से पढ़ाई का भी आदेश दिया गया था.

10- UPCOCA:

योगी सरकार के दसवें सबसे बड़े फैसले की बात करें तो सरकार ने अपराध और अपराधियों को काबू करने के लिए UPCOCA कानून बनाने का फैसला लिया है. उत्तर परदेश में विधानसभा चुनाव के समय भाजपा के नेताओं ने ‘अखिलेश राज’ में जनागल राज का मुद्दा उठाया था और इस तरह प्रदेश में बदहाल कानून व्यस्था के मुद्दे पर सखिलेश समेत बसपा सुप्रीमो मायावती को भी घेरा था.

अखिलेश राज में बदहाल कानून व्यवस्था सिरदर्द बनी हुई थी और सूबे के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था के नाम पर कोई भी चूक नहीं करना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने UPCOCA कानून बनाने का फैसला लिया है.

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