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उत्तर प्रदेश में भले समाजवादी पार्टी की सरकार की बजाय अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गयी हो मगर इससे सबसे ज्यादा नुकसान प्रदेश के युवाओं का हुआ है। सरकार के बदलने के चक्कर में युवाओं का भविष्य अब अंधकार में चला गया है।

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बीजेपी देगी 70 लाख नौकरियाँ :

  • बीजेपी ने सरकार बनने के पहले घोषणापत्र में कहा था कि 70 लाख लोगो को नौकरी मिलेगी।
  • मगर योगी सरकार अभी तक तो पिछली सरकार के कामो को ही जांचने में लगी हुई है।
  • दोनों सरकारों के इस जाल में लगभग 70 हजार नौकरियां फँस गयी है।
  • समाजवादी सरकार ने चुनाव के पहले लगभग 70 हजार नौकरियों की भर्ती को मंजूरी दी थी।
  • ये सभी नौकरियाँ प्रदेश के अलग-अलग विभाग में विभिन्न पदों पर थी।
  • मगर अब भाजपा सरकार के बनने से वे सभी भर्तियाँ अब ठंडे बसते में चली गयी है।
  • इन सभी नौकरियों के लिए दिन रात एक करके युवाओं ने परीक्षा पास की थी।
  • मगर आज सब कुछ पर कर लेने के बाद भी वे बेरोजगारों का जीवन व्यतीत कर रहे है।
  • अब तो ये भी नहीं पक्का है कि जिन्होंने परीक्षा पास की, उन्हें नौकरी मिलेगी भी कि नहीं।
  • इसे कारण अब तमाम भर्तियो के अभ्यर्थी सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन पर उतर आये है।
  • अखिलेश यादव की सरकार में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक की 32,000 नौकरी निकली थी।
  • साथ ही प्राइमरी अध्यापक की 12,460 और उर्दू के अध्यापक की 4,000 नौकरियाँ थी।
  • साथ ही यूपीएसएससी से 4,000 कर्मचारियों की भर्ती होने वाली थी।
  • पुलिस विभाग में दरोगा के 4,000 और होमगार्ड की 138 पद भरने वाले थे।
  • इस पूरे मुद्दे पर सरकार का मत है कि इन भर्तियों में गड़बड़ की बात सामने आयी है।
  • सभी भर्तियों पर खुद उच्च न्यायलय ने रोक लगा दी थी।
  • इस तरह कैसे मान लिया जाए कि वे सभी भर्तियाँ निष्पक्ष की जा रही थी।
  • अब सरकार चाहे इसपर कुछ सफाई दे मगर प्रदेश के युवाओं का भविष्य तो अंधकारमय हो गया।

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