उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान दर्ज आगजनी से जुड़े 400 केस वापस ले सकती है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले में हुए इस सांप्रदायिक दंगे में 60 लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं करीब 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे। इन मामलों को लेकर पश्चिमी यूपी के एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस प्रतिनिधि मंडल में बीजेपी सांसद संजीव बालियान, विधायक संगीत सोम और किसान नेता नरेश टिकैत के अलावा मुजफ्फरनगर के अहलावत और गठवाला थाना क्षेत्र के लोग शामिल थे।

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मुजफ्फरनगर मामले में 400 के करीब आगजनी के मुकदमें

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर और इसके आसपास के इलाकों में साल 2013 के अगस्त-सितंबर में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 लोगों की मौत हो गई थी और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे। इस दंगों के सिलसिले में कुल 502 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिसमें 6867 लोग आरोपी बताए गए थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने सीएम ऑफिस को बताया कि मुज़फ्फरनगर दंगों के दौरान 500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे। जिनमें 400 के करीब आगजनी के मुकदमे थे। उन्होंने आगजनी के इन मुकदमों को फर्जी बताते हुए इसे वापिस लेने की मांग की।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया आश्वासन

इन नेताओं का कहना था कि दंगों का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने अपने घरों के रजाई-कंबल खुद जला लिए या फिर छोटी-मोटी आग लगाकर पुलिस में आगजनी का मुकदमा कराया और मुआवजा ले लिया। वहीं योगी सरकार ने इस प्रतिनिधिमंडल की दलीलें सुनने के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि मुकदमों की वापसी पर विधिक राय की लाएगी।

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