सूबे में योगी सरकार गायों को लेकर कितना सजग है उसका अंदाजा फर्रूखाबाद शहर के निकट गांव बाग लकूला से लगाया जा सकता है, जहां पर मृतक गायों से लेकर सभी जानवर खुले में डाले जा रहे है। दूसरी तरफ जिस प्रकार से उसको लाइसेंस दिया गया है, उसके अनुरूप कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जानवरों की खाल तो कसाईयों द्वारा उतार ली जाती है, उसके बाद उन जानवरों के शवों को खुले कुत्तों से नोचने के लिए छोड़ दिया जाता है। जब जानवरों के शरीर का मांस सड़ने लगता है तो पास में बने मकानों से लेकर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वालों बच्चों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

जानवरों का मांस खाकर हमला कर देते हैं कुत्ते

जानवरों का मांस खाकर आवारा कुत्ते स्कूली बच्चों को काटने को दौड़ते है। इस परेशानी को लेकर स्कूल की प्रधानाचार्य में जिले के अधिकारियों को शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उनका कहना था कि स्कूल तक जाने आने के लिए बच्चों के साथ रहना पड़ता है, नहीं तो कुत्ता हमला कर देते हैं। उधर खुले में मृतक जानवरों को डालने से तमाम प्रकार की बीमारियां फैलने का सभी को डर सताने लगा है।

गायों का कराया गया भू-विसर्जन

उधर नन्दी संकल्प सेना के अध्यक्ष विक्रांत अवस्थी ने बताया कि बाग लकूला में गाय पड़ी होने की सूचना मिली थी योगी सरकार गायों के लिए कोई जिम्मेदारी नही निभा पा रही है। हमारे कई पदाधिकारियों ने इस बूचड़ खाने वाले को बुलाया तो वह बन्द करके भाग गया। उसके बाद हम व हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने मृत पड़ी गाय का भू विसर्जन कराया। नेताओं ने अंतिम संस्कार के लिए पालिका की जेसीबी मंगाई। जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।

की जाएगी कार्रवाई

खुले में जानवरों के डाले जाने को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट जनेंद्र कुमार जैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है। यदि वह खुले में मृतक जानवरों को डालकर उसकी खाल उतार वहीं पर छोड़ रहा है तो जांच कराकर उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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