मुजफ्फरनगर और शामली में हुए 2013 के सांप्रदायिक दंगों से जुड़े 131 मामलों को योगी सरकार वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 2013 के इस दंगों से जुड़े केवल झूठे मामलों को ही सरकार वापस लेने जा रही है। इस दंगे में कम से कम 62 लोग मारे गए और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए थे। इस दंगे के दौरान एक पत्रकार और फोटोग्राफर की भी मौत हो गयी थी।

कई नेताओं पर दर्ज है मुकदमा

उत्तर प्रदेश के न्याय विभाग के विशेष सचिव राज सिंह द्वारा साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर और शामली दंगो पर 13 बिन्दुओं पर जिला प्रशासन से आख्या मांगी गई है। इस दंगों में उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, संजीव बाल्यान, भारतेंदु सिंह, विधायक उमेश मलिक और पार्टी के नेता साध्वी प्राची एवं अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया था। बता दें कि 131 मुकदमें मुजफ्फरनगर व 3 मुकदमें शामली में दर्ज की गई थी। 4 पत्रों के माध्यम से जिला प्रशासन से 13 बिन्दुओं पर आख्या मांगी गई है।

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तीन मामलों में मांगी गई है आख्या

जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर राजीव शर्मा के अनुसार 13 बिन्दुओं पर 4 पत्र प्राप्त हुए हैं जिनका संज्ञान लेकर आख्या जल्द भेजी जाएगी। बताया कि जिसे भी अपना मुकदमा खारिज कराना होता है वह शासन स्तर पर प्रत्यावेदन करता है। जिसके बाद शासन जिला प्रशासन से इस संदर्भ में टिप्पणी मांगता है। कहा कि तीन मामले ऐसे आए है जिस पर हमसे टिप्पणी मांगी गई है। जिसपर अंतिम निर्णय शासन लेगा कि मुकदमें को खारिज किया जाए अथवा नहीं। बताया कि कोर्ट में चल रहे मुकदमों की स्टेटस रिपोर्ट के साथ मुकदमों में बनाए गए आरोपियों की इस समय जीवित होने या मृत्यु होने की स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा गया।

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