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ढोलक की थाप युवाओं ने खेला होली, दोस्तों संग मिलकर जमकर की ठिठोली

Youth play Holi with friends and make dance with Dholak

Youth play Holi with friends and make dance with Dholak

हिन्दुओं का पर्व होली हर साल की तरह इस बार भी करीब है। होली आते ही स्कूल, कॉलेज, ऑफिस हर जगह दो तीन दिन पहले से ही होली के रंगों का गुलाल उड़ने लगता है। होली से पहले हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी लखनऊ के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने जमकर होली का जश्न मनाया। कॉलेज के बाहर रंगों में सराबोर छात्र-छात्राओं ने ढ़ोल नगाड़े बजवाकर जमकर डांस भी किया। छात्र होली के जश्न में इतना डूब गए कि वह अपनी शर्ट उतारकर जमकर नाचे। छात्रों को देखने के लिए हर कोई रूककर देख रहा था। वहीं छात्र इस पल को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर इंटरनेट के जरिये सोशल मीडिया पर पोस्ट करते दिखे।

जमकर एक-दूसरे को लगाया अबीर-गुलाल और रंग

एक तरफ जहां पूरा देश होली के रंग में रंगने की तैयारी कर रहा है, वहीं राना प्रताप मार्ग स्थित नेशनल पी. जी कॉलेज में छात्र-छात्राएं पहले ही रंगों में रंग गए। मंगलवार को कॉलेज में होली की छुट्टी घोषित होते ही छात्रों ने जमकर होली खेली। सभी छात्रों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल से लगाकर होली की बधाई दी। क्‍लास खत्‍म होने के बाद छात्र-छात्राएं जैसे ही कॉलेज के गेट पर पहुंचे। अचानक एक-दूसरे को रंगना शुरू कर दिया। कॉलेज के बाहर देखने से ऐसा लग रहा था मानो होली का दिन हो। कई लड़कियों ने बिना किसी झिझक के लड़कों को जमकर रंग लगाया। वहीं लड़के भी लड़कियों के रंग लगाते दिखे। होली खेलते समय छात्र-छात्राओं में किसी भी तरह का कोई असर नहीं दिखा। सब बस प्रेम और सौहार्द के रंग में रंगे दिखाई दिए। हर संप्रदाय के बच्‍चों ने बिना किसी आपत्ति के एक-दूसरे के साथ रंग और गुलाल खेला।

https://www.youtube.com/watch?v=ZGgujVmvPoc

सेल्‍फी लेकर मोबाइल में कैद किया यादगार लम्हा

रंगों के इस रंगीन त्‍योहार में कॉलेज के स्‍टूडेंट्स ने एक अच्‍छा संकल्‍प लिया। उन्‍होंने कहा कि वे होली में केमिकल रंगों से दूर रहेंगे। उनका कहना था कि ये खतरनाक रंग पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। साथ में उन्‍होंने ये भी कहा कि वे दूसरों को भी हर्बल रंगों के प्रयोग के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि पर्यावरण को ज्‍यादा नुकसान न हो। सेल्‍फी ले रहे तमाम दोस्‍तों के चेहरे की खुशी देखने वाली थी। उनकी चेहरे की खुशी बयां कर रही थी कि होली का असली मजा तो कॉलेज के दोस्‍तों के साथ में आता है। इस खूबसूरत मौके को कई छात्र-छात्राओं ने सेल्‍फी लेकर यादगार लम्‍हों को कैद कर लिया।

बाजारों में रौनक, लुभा रहीं डिजाइनर पिचकारियां

रंगों के त्यौहार होली को अब चंद ही रोज रह गए हैं। इसकी रंगत अब बाजारों में भी दिखने लगी है। हर तरफ लोगों पर होली की खुमारी नजर आ रही है। बाजार में होली की तैयारियों को लेकर दुकानें सज चुकी हैं। छोटे-बड़े सभी मार्केट में मौजूद दुकानों में अब केवल होली की ही बहार है। दुकानें रंग, गुलाल, पिचकारी और होली से जुड़ी अन्य प्रकार की वस्तुओं से सज चुकी हैं। रंग-गुलाल की मस्ती के साथ बच्चों को पिचकारी सबसे अधिक लुभाती है।

होली पर पिचकारी को लेकर बच्चों में क्रेज रहता है। इसे भुनाने के लिए बाजार में पूरी तैयारी हो चुकी है। बच्चों के पसंदीदा कार्टून छोटा भीम, मोटू-पतलू, डोरेमोन आदि के आकार वाली डिजाइनर पिचकारियों की भरमार है। बंदूक, टैंक के आकार वाली पिचकारी भी खूब पसंद की जा रही है। इनकी कीमत 50 से लेकर हजार रुपये तक है। इसके अलावा कुछ ऐसी भी पिचकारी बाजार में मौजूद हैं, जिसमें रंगीन पानी भरने की जरूरत नहीं होती। ऐसी पिचकारी के अंदर ही कई रंग होते हैं। एअर प्रेशर, एक्शन बिगन और फनगन जैसी पिचकारियां बच्चों को खूब भा रहे हैं।

बाजारों में हर्बल गुलाल की धूम

होली के मौके पर केमिकल रंग-गुलाल से त्वचा को कोई नुकसान न हो, इसलिए पिछले कुछ वर्षो से हर्बल रंग-गुलाल की मांग बढ़ती जा रही है। लिहाजा, इस वर्ष भी बाजारों में हर्बल गुलाल की धूम है। लोगों की मांग को देखते हुए दुकानों में हर्बल रंग अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। दुकानदारों ने भी केमिकल रंगों से तौबा कर ली है। दुकानदारों के अनुसार, महिलाएं भी खरीदारी के दौरान हर्बल रंग को ही प्राथमिकता देती हैं।

रासायनिक रंग से रहें सावधान

पुराने समय में होली के मौके पर हल्दी, चदंन, गुलाब और टेसू के फूल से रंग बनाए जाते थे, लेकिन आजकल बाजार में रासायनिक रंग धड़ल्ले से बेचे जाते हैं। हालांकि, हर्बल और प्राकृतिक रंगों की मांग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है, फिर भी रासायनिक रंगों की कमी नहीं है। ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। इन रंगों में मौजूद विषैले पदार्थ त्वचा को नुकसान पहुंचते हैं। केमिकल युक्त रंग त्वचा, आंख और बाल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खुजली, बालों का गिरना और त्वचा की कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए त्वचा को रंगों के प्रभाव से बचाने के लिए सावधान रहना आवश्यक है।

होली पर गुझिया लगाती है चार चांद

होली के मौके पर खरीदारी के लिए भी बाजारों में रौनक है। हालांकि, होली में उपहारों के आदान-प्रदान का चलन दीपावली की भांति अधिक नहीं है, लेकिन कई लोग इस अवसर पर भी उपहार देकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। ऐसे में बाजार में मौजूद दुकानों में भी गिफ्ट के पैक सज चुके हैं। इन पैकेट में मुख्य रूप से मिठाई, ड्राई फ्रूट के अलावा रंग-बिरंगे गुलाल के पैकेट होते हैं, जिनकी कीमत 200 से दो हजार रुपये तक है।

इसके अलावा उपहार में इन दिनों चॉकलेट देने का भी प्रचलन है। होली के पर्व में गुजिया मिठास घोलती है। भले ही होली में कुछ दिन बाकी हों, लेकिन मिठाई की दुकानों पर यह नजर आने लगी हैं। इसकी एक नहीं बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा वैरायटी हैं। इसमें प्लेन, केसर, चंद्रकला, गुजिया-समोसा, ड्राई फ्रूट व रोस्टेड गुजिया के कई प्रकार दुकानों पर उपलब्ध हैं। इसे लोग अधिकतर अपने परिवार के लोगों और दोस्त-परिजन को उपहार देने के लिए खरीदते हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=w0wToLa9KNw

रंगों में पाये जाने वाले रसायनों से हो सकता है कैंसर

त्वचा रोग विशेषज्ञ ने बताया कि रंगों में पाये जाने वाले रसायनों से खुजली और रेशैज पड़ सकते हैं और इन्हें खुजलाने से घाव पड़ सकते हैं। अगर आपको चोट लगी है या कोई घाव हो या त्वचा कटी हुई तो होली खेलने से पहले पट्टी कर लें। इससे हानिकारक रसायन आपके रक्त में नहीं पहुंचेंगे। रसायनों के रक्त के प्रवाह में मिलने से कैंसर हो सकता है और आंखों की रोशनी जा सकती है। रंगों के हानिकारक रसायनों से एलर्जी, खुजली और एक्जिमा हो सकता है। जिन लोगों को पहले से ही त्वचा से संबंधित कोई समस्या है तो उन्हें होली खेलने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।

होली पर रंगों से ऐसे त्वचा की करें सुरक्षा

रंगों को उतारने के लिए बेसन में दूध मिलाकर कर चेहरे पर लगाएं, थोड़ी देर बाद उसे धो लें। जिन लोगों की त्वचा तैलीय है, गुलाब जल, नींबू का प्रयोग कर सकते हैं। रंग त्वचा को संवेदनशील बना देते हैं। ऐसे में बार-बार नहाने से आपकी त्वचा से प्रकृतिक तेल व नमी और अधिक मात्रा में निकल जाएगी। इसलिए होली खेलने के बाद दो बार से अधिक न नहाएं और ध्यान रखें कि हर बार नहाने के बाद मॉश्चराइजर अवश्य लगाएं। जैतून या तिल के तेल में दही मिलाकर और उसमें थोड़ा हल्दी पाउडर मिलाकर त्वचा पर लगे रंग को आसानी से हटाया जा सकता है।

रंग खेलने से 20 मिनिट पहले सनस्क्रीन लोशन लगाएं। सनस्क्रीन लगाने के दस मिनिट बाद ‘कवर क्रीम’ या हल्का फाउंडेशन लगाएं ताकि त्वचा पर एक सुरक्षाकवच बन जाए। रंगों के इस्तेमाल से पहले त्वचा पर नारियल का तेल लगाने से रंगों का असर कम होता है। तेल लगाकर हम अपने बालों और त्वचा की सुरक्षा कर सकते हैं। रंगों में पाए जाने वाले रसायन त्वचा से प्रकृतिक तेल और नमी चुरा लेती हैं। ऐसे में तेल एक सुरक्षा कवच बना लेता है। इसलिए होली खेलने से पहले अपनी त्वचा और बालों पर तेल लगाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। नाखूनों पर पारदर्शी नेल वार्निश लगाएं। ये नाखूनों की सुरक्षा करेगा और नाखून रंगों को अवशोषित भी नहीं कर पाएंगे।

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