Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

अमर ‘अंकल’ से इतनी ‘नफरत’ क्यों करते हैं भतीजे अखिलेश?

akhilesh hates amar singh

[nextpage title=”amar singh” ]

अमर सिंह! ये नाम यूपी और देश की सियासत में नया नहीं है. लेकिन ये आम कुछ दिनों से सभी की जुबान पर है. खास करके समाजवादी पार्टी में कलह के बाद इस नाम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं. समाजवादी पार्टी में चल रही कलह के पीछे कुछ लोग इनकी साजिश करार दे रहे हैं.

मुलायम-पुत्र अखिलेश ने अपने इस ‘अंकल’ को पहले बाहरी बताया तो फिर उन्हें साजिशकर्ता की संज्ञा दे डाली. फिर क्या था, अखिलेश के समर्थकों ने ‘अमर सिंह दलाल है’ के नारे के साथ खूब उत्पात मचाया. अमर सिंह के पोस्टर को जलाया गया. राम गोपाल यादव और अखिलेश के लगातार निशाने पर अमर सिंह रहे. अमर सिंह का साथ देने के लिए शिवपाल को भी दोष दिया गया. अमर सिंह की दोबारा सपा में वापसी से पार्टी के मुस्लिम नेता आज़म खान भी खुश नही थे. वहीँ अखिलेश यादव इस नाम को लेकर भी काफी आक्रामक रहे. लेकिन कुछ लोगों के दिमाग में ये सवाल अभी भी तैर रहा होगा कि अमर सिंह और अखिलेश यादव की ऐसी कौन सी दुश्मनी है.

अखिलेश का अमर सिंह से नफरत करना:

[/nextpage]

[nextpage title=”amar singh” ]

अखिलेश यादव ने अमर सिंह को पुरे महाभारत का शकुनि करार दिया है. लेकिन अमर सिंह को क्या जरुरत जो इनके परिवार में दरार पैदा करें. अमर सिंह को कभी ‘अंकल’ कहने वाले अखिलेश आज अमर सिंह के विरोधी कैसे हो गए. बचपन में अखिलेश को अपने पास बिठाकर लाड़-प्यार देने वाले अमर सिंह से अखिलेश की क्या दुश्मनी हो गई. अमर सिंह और यादव परिवार के रिश्ते बहुत करीब के रहे हैं. अमर सिंह एक परिवार के सदस्य की तरह थे.

मुलायम सिंह ने 23 मई 2003 को साधना गुप्ता से शादी करके उन्हें अपनी पत्नी का दर्जा दिया. लेकिन सार्वजनिक रूप से इस रिश्ते को मुलायम सिंह यादव ने 2007 में स्वीकार किया था. अमर सिंह ने साधना गुप्ता को मुलायम की दुसरी पत्नी का दर्जा दिलवाया. अमर सिंह ने सार्वजनिक रूप में साधना गुप्ता को पत्नी के रूप में स्वीकार करने के लिए मना लिया. शिवपाल और अमर ने मिलकर परिवार के सदस्य के रूप में साधना गुप्ता को दर्जा दिलवाया.

अखिलेश की माँ का देहांत पहले ही हो चूका था. अखिलेश इस सौतन माँ के परिवार में आने से क्षुब्ध थे. यहीं से अमर सिंह के खिलाफ अखिलेश ने अपने दिल में नफरत का बीज बो दिया था. साधना पर अखिलेश के प्रति साजिश करने के आरोप भी लगते रहे हैं. ये भी कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव पर साधना अपने बेटे प्रतीक को मुख्यमंत्री बनाने का दबाव डाल रही हैं. ये सभी बातें कथित रूप से अखिलेश को परेशान कर रही हैं. ये बीज समय के साथ बढ़ता गया और अब ये बीज एक बड़े पौधे का रूप ले चूका है. देखते ही देखते अमर ‘अंकल’ अब अखिलेश यादव के लिए वो ‘तकलीफ’ बन गए हैं जिसका इलाज अखिलेश ढूंढ़ नहीं पा रहे हैं.

अमर सिंह के करीबियों को किनारे लगाने की तैयारी:

मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की दोस्ती किसी से छिपी नही है. अमर सिंह सपा प्रमुख के खास मित्र रहे हैं. मुलायम के साथ-साथ वो शिवपाल के भी करीबी रहे हैं. सपा में दोबारा वापसी शिवपाल यादव ने ही करायी थी. तब अखिलेश यादव ने इसका विरोध भी किया था. लेकिन सपा प्रमुख के आदेश के खिलाफ अखिलेश नहीं जा सके थे. लेकिन अखिलेश यादव ने अमर सिंह और उनके करीबियों की ताकत को सपा में कम करने की ठान ली थी. एक-करके उनके करीबियों को किनारे लगाने की तैयारी अखिलेश ने करनी शुरू कर दी थी. अखिलेश यादव के इस रवैये में उनके दुसरे चाचा रामगोपाल यादव का साथ भी मिला.

समीकरण को इस तरीके से बनाया जा रहा था कि अमर सिंह पर सीधे हमला ना करके उनके मातहतों को किनारे लगाया जाये. लेकिन ये दाव उल्टा पड़ना तब शुरू गया जब गायत्री प्रजापति को किनारे लगाने के बाद मुलायम ने अखिलेश की शक्ति को ही कम करना शुरू कर दिया था. चार दिनों तक चली उठापटक के बाद अखिलेश को अंतत: अपने पिता के निर्णय को मानना पड़ा था और अपने आदेश को वापस लेना पड़ा था.

रामगोपाल के पत्र ने डाला आग में घी:

लेकिन रामगोपाल यादव के एक पत्र ने सबकुछ बदलकर रख दिया. अबकी बार फिर से उन्होंने शिवपाल यादव को कैबिनेट से बाहर किया. अखिलेश ने पिछले झगड़े की तरह दूसरी बार शिवपाल के साथ ये बर्ताव किया था. लेकिन इस दफे शिवपाल ने भी अपनी ताकत दिखाई और रामगोपाल का पत्ता ही पार्टी से काट दिया. सियासत शुरू हो गई थी. अब दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के बाद मुलायम सिंह यादव बीच में आकर सुलह की कोशिशें करने लगे. साथ ही अमर सिंह और शिवपाल को पूरी तरह से मुलायम का समर्थन मिला. मुलायम सिंह ने खुलकर कहा कि अमर सिंह के खिलाफ कोई भी बात बर्दास्त नही की जाएगी.

[/nextpage]

Related posts

नैतिक आधार पर इस्तीफा दे सुरेश प्रभु : कांग्रेस

Namita
7 years ago

नरोदा दंगा मामले में आया फैसला, माया कोडनानी हुईं बरी

Yogita
6 years ago

खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर हुए सस्पेंड!

Namita
7 years ago
Exit mobile version