Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

गांव बंद के ऐलान के बाद पंजाब के किसानों ने सड़कों पर फेंकी सब्जियां

farmer protests vegetables thrown on road in punjab

farmer protests vegetables thrown on road in punjab

पंजाब और मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में आज से किसानों ने ग्राम बंद आंदोलन शुरू कर दिया है। बता दें कि विभिन्न किसान यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय किसान आंदोलन का ऐलान किया था। जिसमें शहरों को दूध सब्जी नहीं भेजने का ऐलान किया था। इस आन्दोलन को देखते हुए मध्य प्रदेश के मंदसौर में पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि, किसान आंदोलन के दौरान शांति कायम रह सके।

कुछ किसान नहीं हुए इस विरोध में शमिल

बता दें कि पंजाब में किसानों का एक हिस्सा इस विरोध में शामिल नहीं हुआ है। साथ ही कुछ किसानों ने आंदोलन के विपरित चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में दूध सप्लाई किया।

मंदसौर के किसानों ने बचे हुए दूध का इस्तेमाल मिठाई बनाने व गांव वालों में वितरित करने का फैसला किया है। साथ ही यह मिठाई किसानों में ही बांटने की तैयारी की जा रही है।

सब्जियां फेंकी सड़कों पर

बर्नाला और संगरूर समेत पंजाब में कई जगह किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पंजाब के किसानों ने भी 10 दिनों तक सब्जियों और डेयरी प्रोडक्ट्स को बाहर सप्लाई करने से इनकार कर दिया। वहीं पंजाब के फरीदकोट में किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यहां किसान सड़कों पर सब्जियां फेंक कर अपना विरोध जता रहे हैं।

घर में रहकर ही करेंगे समर्थन

मंदसौर के किसानों ने कहा है कि इस आंदोलन में वो पिछले साल जैसी हिंसा नहीं चाहते है। उनका कहना है कि, ‘हम इस बार कोई ऐसी घटना नहीं चाहते, जिससे किसी का नुकसान हो. हमने बंद बुलाया है और हम घर में रहकर इसका समर्थन करेंगे.‘

लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलें

बता दें कि किसानों के इस आंदोलन के कारण रोजमर्रा की चीजों को लेकर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल किसान संगठनों ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में अपनी मांगों लेकर आंदोलन किया था। जिस दौरान राज्य पुलिस की फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी।

भारतीय किसान यूनियन ने 1 जून से 10 जून तक होने वाली हड़ताल सफल बनाने के लिए गांव गांव बैठक भी की गई थीं। इस दौरान किसानों से अपील की गई कि वे हड़ताल के दौरान फल-फूल, सब्जी और अनाज को अपने घरों से बाहर न ले जाएं और न ही वे शहरों से खरीदी करें और न गांवों में बिक्री करें।

इस कारण कर रहे किसान आन्दोलन

बता दें, किसान स्वामीनाथन कमीशन को लागू करने और कर्ज माफ करने समेत कई अन्य मांग कर रहे हैं। जिसको लेकर हड़ताल का ऐलान किया था। किसानों के इतने लंबे हड़ताल की वजह से लोगों की मुश्किलें तो बढ़ने वाली है। इतना ही नहीं सरकार के लिए भी मुश्किल पैदा होगी। गौरतलब है कि पिछले साल मध्यप्रदेश के मंदसौर से किसान आंदोलन की चिंगारी उठी थी। मंदसौर में फसलों के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने गोलियां चला दीं थीं, जिसमें 6 किसानों की मौत भी हो गई थी।

ये भी पढ़ेंः 

कर्नाटक: कांग्रेस और जेडीएस के बीच दो विभागों पर सहमति

9 राज्यों में हुए दस विधानसभा उपचुनावों के परिणाम घोषित

लोकसभा उपचुनाव: पालघर में भाजपा की जीत, कैराना में हार

बिहार उपचुनाव: आरजेडी उम्मीदवार 41224 वोटों से जीता

जम्मू-कश्मीर में फिदायीन हमले की आशंका पर हाई अलर्ट घोषित

Related posts

भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट : ISIS के आतंकियों ने सीरिया में भेजी बम की तस्वीर!

Vasundhra
7 years ago

नोटबंदी पर पीएम मोदी का सांसदों को यह निर्देश

Dhirendra Singh
8 years ago

वीडियो: ट्रेन के चलने के बाद औरत ने की जल्दबाजी!

Kumar
8 years ago
Exit mobile version