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उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले ने आज एक नया मोड़ ले लिया है. दरअसल इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट आज एक हलफनामा दाखिल किया गया है. इस हलफनामे में ये कहा गया है कि विवादित स्थल को हिन्दुओं को राम मंदिर बनाने के लिए दे दिया जाए. साथ ही ये भात भी कही गई है कि मंदिर-मस्जिद एक साथ नही होने चाहिए. इसलिए मस्जिद थोड़ी दूर पर मुस्लिम इलाके में बने जानी चाहिए.
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शिया मस्जिद थी बाबरी मस्जिद-
- बाबरी मस्जिद विवादित स्थल मामले में आज एक नया मोड़ सामने आया है.
- इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट आज एक हलफनामा दाखिल किया गया है.
- जिसमे विवादित भूमि को राम मंदिर बनाने के लिए देने की बात कही गई है.
- इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी की तरफ से कई दावे किये गये है.
- वसीम रिज़वी ने दावा किया है कि बाबरी मस्जिद एक शिया मस्जिद थी.
- जिसे मीर बाकी ने बनवाया था.
- उनका ये भी कहना है कि मस्जिद बनने से अबतक सभी मुतवल्ली शिया बोर्ड के ही रहे हैं.
- इसलिए मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के बजाय शिया वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया जाना चाहिए.
इस हलफनामे की कोई अहमियत नही-
- शिया वक्फ बोर्ड द्वारा सुप्रें कोर्ट में दाखिल किये गए हलफनामे पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने हमला बोला है.
- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी तरफ सेकहा गया है कि शिया वक्फ बोर्ड के हलफनामे की कोई अहमियत नही है.
- इस बात खुद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के वकील जफरयाब जिलानी ने कही.
- उन्होंने कहा कि ‘यह सिर्फ एक अपील है और कानून में इसकी कोई अहमियत नही है.’
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