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महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने #MahatmaGandhi की पुण्यतिथि के अवसर पर हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान तमाम नेता और मंत्री भी मौजूद रहे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि केे अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और और उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने बापू को दिल्ली के राजघाट पर राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और जनरल बिपिन रावत मौजूद थे।

70वीं पुण्यतिथि के मौके पर इतिहास के पन्नों से कुछ अंश

राष्ट्रपिता ने 12 जनवरी,1948 को अपनी शाम की प्रार्थना सभा में अगले दिन से बेमियादी उपवास का ऐलान किया था। 17 जनवरी को करोल बा़ग, पहाडगंज, सब्ज़ी मंडी और दूसरे इला़कों के बैठकें हो चुकी थी। 18 जनवरी को बापू के अनशन का आज छठा दिन था। वह बेहद कमजोर लग रहे थे। 20 जनवरी को बम फटने के बावजूद वह अनशन पर डटे रहे। 26 जनवरी को आजादी के बाद पहला गणतंत्र दिवस था और आज बापू का मौन व्रत था। इसलिए आज उन्होंने कोई भजन भी नहीं गुनगुनाया।

27 जनवरी को हरौली में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद वह पहली बार दरगाह पर पहुंचे थे। 29 जनवरी बापू ने कहा कि अपनों को नही छोड़ सकता। सुबह प्रार्थना और भजनों के बाद उन्होंने रोज की तरह नाश्ता लिया और मुलाकातों का सिलसिला शुरू हुआ। तीसरे पहर कुछ शरणार्थी गांधी से मिलने के लिए पहुंचे। उनमें से एक ने कहा, अब आप 78 साल के हो गए हैं आराम क्यों नहीं करते? आपको हिमालय पर चला जाना चाहिए। यह गांधीजी को एक चेतावनी की तरह भी थी। लेकिन उन्होंने कहा, मैं किसी के कहने पर निवृत्त नहीं हो सकता। मैंने खुद को ईश्वर के आदेश पर छोड़ा है।

30 जनवरी 1948 की शुरुआत आम दिन की तरह हुई। गांधी तड़के साढ़े तीन बजे उठे। प्रार्थना की, दो घंटे में अपने काम निपटाकर वह सुबह छह बजे फिर सोने चले गए। दोबारा सोकर आठ बजे उठे। डरबन के उनके पुराने साथी रुस्तम सोराबजी सपरिवार गांधी से मिलने आए। 5:10 मिनट होने को आए थे। बापू आभा से बोले, मुझे तुम्हारी वजह से 10 मिनट की देरी हो गई है। गांधी ने लोगों के अभिवादन के जवाब में हाथ जोड़े।

बाईं तरफ से नाथूराम गोडसे उनकी तरफ झुका और मनु को लगा कि वह गांधी के पैर छूने की कोशिश कर रहा है। लेकिन गोडसे ने मनु को धक्का दिया और उनके हाथ से माला और पुस्तक नीचे गिर गई। वह उन्हें उठाने के लिए नीचे झुकीं तभी गोडसे ने पिस्टल निकाल ली और एक के बाद एक तीन गोलियां गांधीजी के सीने और पेट में उतार दीं। बापू जी के मुख जो अंतिम स्वर निकले वो थे, हे राम…..रा…..म. हे और उनका जीवनहीन शरीर नीचे की तरफ गिर गया।

नमोस्तुते माँ गोमती” आदि माँ गोमती महाआरती

मनकामेश्वर मठ मंदिर, देव्या चैरिटेबुल ट्रस्ट एवम नमोस्तुते माँ गोमती की ओर आज दिनांक 30 जनवरी 2018 को सायं 5:30 बजे से माघ शुक्ल पूर्णिमा, राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि “सर्वोदय दिवस” व राष्ट्रीय स्वछता दिवस के अवसर पर आदि माँ गोमती महाआरती का आयोजन मनकामेश्वर उपवन घाट डॉलीगंज पर मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि की उपस्थिति किया जाएगा।

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