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करहल विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

Political History of Karhal  : करहल विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में स्थित है और यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। करहल विधानसभा सीट का इतिहास समाजवादी राजनीति से गहराई से जुड़ा हुआ है, और यहां लंबे समय से समाजवादी पार्टी (सपा) का दबदबा रहा है।

करहल विधानसभा से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार तेज प्रताप यादव का राजनीतिक सफर

प्रारंभिक इतिहास: Political History of Karhal

करहल विधानसभा सीट का गठन 1956 में हुआ था और तब से यह सीट विभिन्न दलों के लिए एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र रही है। हालांकि, समाजवादी विचारधारा का प्रभाव यहां शुरू से ही देखने को मिला। करहल क्षेत्र समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के प्रभाव में भी रहा है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के रक्षा मंत्री रह चुके हैं।

यह सूची करहल विधानसभा सीट के विभिन्न चुनावों और चुने गए विधायकों का इतिहास प्रस्तुत करती है। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों और उनकी चुनावी जीत का विवरण दिया गया है:

चुनाव विधानसभा सदस्य पार्टी टिप्पणी
1957 2nd Assembly नाथू सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी यह निर्वाचन क्षेत्र दो सीटों वाला था।
1957 2nd Assembly राम दीन प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1962 3rd Assembly राम सिंह स्वतंत्र पार्टी
1967 4th Assembly मुंशीलाल चमार
1969 5th Assembly
1974 6th Assembly नाथू सिंह भारतीय क्रांति दल
1977 7th Assembly जनता पार्टी
1980 8th Assembly शिव मंगल सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (I)
1985 9th Assembly बाबू राम यादव लोक दल
1989 10th Assembly जनता दल
1991 11th Assembly जनता पार्टी
1993 12th Assembly समाजवादी पार्टी
1996 13th Assembly
2002 14th Assembly सोबरन सिंह यादव
2007 15th Assembly सोबरन सिंह यादव समाजवादी पार्टी
2012 16th Assembly सोबरन सिंह यादव समाजवादी पार्टी
2017 17th Assembly सोबरन सिंह यादव समाजवादी पार्टी
2022 18th Assembly अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी 18वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष

 

इस सूची से करहल विधानसभा का चुनावी इतिहास और विभिन्न राजनीतिक दलों की भूमिका स्पष्ट होती है।

 करहल विधानसभा के अब तक के कुछ प्रमुख विधायक:

1. 1967 – 1974: स्व. भगवती सिंह यादव (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
भगवती सिंह यादव कांग्रेस के पहले विधायक थे, जिन्होंने करहल विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी।

2. 1974 – 1977: मुलायम सिंह यादव (भारतीय क्रांति दल)
मुलायम सिंह यादव ने पहली बार करहल से जीत दर्ज की और बाद में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के रक्षा मंत्री बने। यह उनकी राजनीतिक यात्रा का महत्वपूर्ण प्रारंभिक दौर था।

3. 1985: मुलायम सिंह यादव (लोकदल)
मुलायम सिंह यादव ने लोकदल से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने सपा का गठन किया और लंबे समय तक क्षेत्र की राजनीति में प्रभावी बने रहे।

4. 1989: मुलायम सिंह यादव (जनता दल)
मुलायम सिंह यादव ने जनता दल के टिकट पर करहल से जीत दर्ज की और बाद में समाजवादी पार्टी का गठन किया। यह सीट उनके राजनीतिक सफर का अभिन्न हिस्सा बनी रही।

5. 1993 – 2017: सुबोध यादव (समाजवादी पार्टी)
करहल सीट से सुबोध यादव ने कई बार सपा के टिकट पर जीत हासिल की और लंबे समय तक विधायक रहे। उन्होंने क्षेत्र में समाजवादी राजनीति को मजबूत बनाए रखा।

6. 2017 – 2022: सोबरन सिंह यादव (समाजवादी पार्टी)
सोबरन सिंह यादव ने सपा के टिकट पर 2017 में चुनाव जीता और विधायक बने। यह चुनाव भाजपा के लिए कठिन साबित हुआ, क्योंकि करहल सपा का गढ़ माना जाता है।

7. 2022 – 2024 अखिलेश यादव  (समाजवादी पार्टी)
अखिलेश यादव  ने 2022 के चुनाव में करहल सीट से जीत दर्ज की। वे सपा के महत्वपूर्ण नेता हैं और उनकी जीत ने करहल सीट पर सपा के प्रभाव को और मजबूत किया।

2022 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अखिलेश यादव मुकाबले में आगरा से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतार दिया। अखिलेश 67 हजार वोट से जीत गए हैं।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कन्नौज से सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित किया, जहां से वह हाल ही में निर्वाचित हुए थे।

 समाजवादी पार्टी का प्रभाव: Political History of Karhal

1990 के दशक से करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ बन गई। मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का यहां गहरा राजनीतिक प्रभाव रहा है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कई बार इस सीट पर जीत दर्ज की है, जिससे यह सपा का पारंपरिक गढ़ माना जाता है।

मैनपुरी : करहल विधानसभा का जातीय समीकरण 2024

मुलायम सिंह यादव और करहल:

करहल विधानसभा सीट का नाम मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर से गहराई से जुड़ा है। मुलायम सिंह यादव का सैफई गांव, जो उनके जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है, करहल क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र से यादव समुदाय की प्रमुखता है, जो सपा का प्रमुख वोट बैंक रहा है। मुलायम सिंह यादव के परिवार के कई सदस्य, विशेष रूप से उनके बेटे और पोते, करहल सीट से जुड़े रहे हैं।

2022 का विधानसभा चुनाव:

2022 के विधानसभा चुनाव में, समाजवादी पार्टी ने करहल सीट से अखिलेश यादव  को उम्मीदवार बनाया था। तेज प्रताप यादव को क्षेत्रीय जनता का भारी समर्थन मिला और उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की। करहल सीट से उनकी इस जीत ने सपा के गढ़ को और मजबूत किया। अखिलेश यादव की  करहल में उनकी जीत ने उन्हें राजनीतिक रूप से और भी मजबूत बना दिया।

करहल विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी और यादव परिवार के प्रभाव से जुड़ा हुआ है। यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती है और यहां मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का प्रभाव हमेशा से रहा है। इस सीट पर होने वाले चुनाव न केवल स्थानीय बल्कि राज्य की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि करहल क्षेत्र यादव समुदाय और सपा के प्रमुख वोट बैंक का केंद्र है।

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