चित्रकूट जिले की भिटारी ग्राम पंचायत स्थित गौशाला में हाल ही में गौवंशों की दुर्दशा [ Bhitari Gaushala of Chitrakoot ] का मामला प्रकाश में आया है। आधिकारिक रजिस्टर में 210 गौवंश दर्ज हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान केवल 120 गौवंश ही मौजूद पाए गए। चिंताजनक बात यह है कि गौशाला के आसपास कई गौवंशों के कंकाल बिखरे हुए मिले, जो प्रशासनिक लापरवाही और गौशाला प्रबंधन की अनदेखी को उजागर करते हैं।
स्थिति का विवरण [ Bhitari Gaushala of Chitrakoot ]:
- पंजीकृत और वास्तविक संख्या में अंतर: गौशाला के रजिस्टर में 210 गौवंश दर्ज हैं, लेकिन मौके पर केवल 120 गौवंश ही पाए गए। यह 90 गौवंशों की कमी को दर्शाता है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
- कंकालों की उपस्थिति: गौशाला परिसर और उसके आसपास कई गौवंशों के कंकाल बिखरे हुए मिले। यह संकेत देता है कि या तो गौवंशों की मृत्यु के बाद उचित निस्तारण नहीं किया गया, या फिर उनकी देखभाल में घोर लापरवाही बरती गई।
भिटारी गौशाला : निरीक्षण रिपोर्ट
निरीक्षणकर्ता: 150 रविशंकर गौतम
गौशाला का नाम: गौशाला भिटारी ,
निरीक्षण का दिनांक एवं समय: 05 मार्च 2025, 01:40 PM
निरीक्षण के समय उपलब्ध मूलभूत संसाधन:
- साफ-सफाई: स्थिति संतोषजनक पाई गई।
- भूसा: मुसाभंडार में लगभग 20 कुंतल तथा लगभग 2 कुंतल जुड़ उपलब्ध।
- पानी: टैंकर के माध्यम से आपूर्ति की जाती है, लेकिन वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।
- विद्युत: गौशाला में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
- गोपालक/चरवाहा: निरीक्षण के समय केवल 01 व्यक्ति मौजूद मिला, साथ में ग्राम प्रधान भी उपस्थित थे।
- गोवंश की संख्या:
- कुल गोवंश: 68
- बड़े गोवंश: 51
- छोटे गोवंश: 27
- चराने ले जाए गए गोवंश: 55
- हरा चारा / पशु आहार:
- हरा चारा नहीं दिया जा रहा था।
- 200 बोरियां पशु आहार उपलब्ध थीं।
विशेष निरीक्षण बिंदु:
- वर्तमान में कोई भी गोवंश बीमार नहीं मिला।
- मृत गोवंश को उचित निस्तारण न करके पहाड़ी क्षेत्र में फेंकने की सूचना मिली, जिससे बदबू एवं संक्रमण फैलने की आशंका है।
- स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान व सचिव गौशाला के लिए आए सरकारी धन का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं।
- गौशाला के संसाधनों की कमी को देखते हुए खंड विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सूचित किया गया है।
- अधिकाधिक सुधार हेतु मुख्य विकास अधिकारी, मऊ (चित्रकूट) को भी जानकारी भेजी गई है।
सुझाव एवं अनुशंसा:
- जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
- विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
- मृत गोवंश के निस्तारण हेतु उचित प्रबंध किया जाए।
- हरा चारा एवं भूसे की समुचित व्यवस्था की जाए।
- गौशाला संचालन में ग्राम प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए, उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
यह रिपोर्ट गौशाला की वर्तमान स्थिति को दर्शाती है एवं संबंधित विभागों से आवश्यक सुधार की अपेक्षा की जाती है।